मोहताज – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi
आज मैं मोहताज नाम की बेड़ियों से मुक्त हो गई हूँ , आज मैं किसी की मोहताज नहीं रही , न ससुराल की मोहताज और न मायके की। आज से मैं आत्मनिर्भर हो रही हूँ। अब कोई मुझे मोहताजगी का ताना नहीं मार पायेगा। यही सब सोच कर मन ही मन ख़ुशी और उत्साह से … Read more