बाबुल – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

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औरत की चाहे कितनी भी उम्र भले ही क्यों न हो जाएँ,परन्तु बाबुल का घर उसके जेहन में धरोहर की भाँति संचित रहता है!मैं उमा काॅलेज के कुछ काम से मायके के शहर में आई हूँ।आते समय पति ने चुहल करते हुए कहा था -” उमा!माता-पिता अब न रहें तो क्या हुआ?एक बार बाबुल की … Read more

“मन-आंगन ” – कुमुद मोहन   : Moral Stories in Hindi

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आज मेरे पास अपना खूबसूरत सा आशियाना है ,सब सुख सुविधाऐं हैं!बेहद प्यार करने वाला ससुराल है,नाज नखरे उठाने वाला हमसफ़र है!नौकर-चाकर घोड़ा गाड़ी सबकुछ है! फिर भी मेरे मन का मयूर गाहे-बगाहे ससुराल की जिम्मेदारियों को छोड़,रीति-रिवाजों के बंधन तोड़ मायके की चौखट लांघ बाबुल के आंगन में उन खट्टी मीठी यादों का चुग्गा … Read more

बाबुल – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय   : Moral Stories in Hindi

New Project 55

मेरी मुन्नी को बाबुल की दुआएं कोई काम नहीं आई कह कह कर रो रहे थे और माथा पीट रहे थे। अचानक उनको रोते हुए देख सुन कर आस-पास के लोग एकत्र हो गये। सबके सब ऐसा देखकर हतप्रभ थे। आखिरकार क्या हो गया? उजड़ गया —-उजड़ गया, मेरी मुन्नी का सुहाग उजड़ गया। हे … Read more

बाबुल – उमा वर्मा   : Moral Stories in Hindi

New Project 56

मृत्यु शय्या पर पड़ी हुई हूँ ।डाक्टर ने जवाब दे दिया है ।उम्र भी तो हो ही गई है ।थोड़ा बहुत खाना खा लेती हूँ वह भी किसी की सहायता से ।कानों में बार बार के एल सहगल के गीत गूँजने लगते हैं ” बाबुल मोरा, नैहर छूटो जाय —” कौन सा नैहर? जो अब … Read more

बाबुल के आंगन की लक्ष्मी – बीना शर्मा   : Moral Stories in Hindi

New Project 46

सुबह के वक्त मेघा बहुत प्यारा सपना देख रही थी। सपने में उसकी मम्मी उसे गोद में लेकर बहुत प्यार कर रही थी। वह मीठे सपनों में खोई हुई थी कि तभी उसके कानों में उसकी सौतेली मां की आवाज आई “अरी बदनसीब सोती ही रहेगी क्या? चल जल्दी से उठ कर घर में झाड़ू … Read more

घमंड का सर नीचा – — नेकराम   : Moral Stories in Hindi

New Project 11

सुंदर हूं तो अपनी सुंदरता दिखाती हूं ,, तुझे क्यों जलन हो रही है ,, तू भी आधे कपड़े पहन ले ,, तुझे किसने रोका है रीता ने अपनी बहन छबीली से थोड़ा ऊंचे लहजे में कहा — रीता और छबीली 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के विश्वविद्यालय करोड़ीमल कॉलेज में … Read more

बाबुल का प्रेम – शिखा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 41

“बधाई हो, बधाई हो, मीठी को पाँचवे जन्मदिन की बधाई हो…” घर के हर सदस्य के होंठो पर आज सुबह से यही पँक्तियाँ थिरक रही थीं। आख़िर हो भी क्यों न, आज सबकी लाडली, सबकी दुलारी, घर की सबसे छोटी सदस्य मीठी की पाँचवी सालगिरह जो थी। मीठी की माँ नंदिता और पापा नीरज के … Read more

जाना ना बाबूजी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 46

घर का ग़मगीन माहौल एहसास करवा रहा था कि आज फिर माँ अपने बाबुल की घर की गलियों को याद कर रही है…उनका अपने बाबूजी से प्रेम मैं बचपन से देखती आ रही थी और आज वो अपने बाबूजी को याद कर कर के रो रही है….आज नाना जी की पहली बरसी है। माँ सुबह … Read more

बाबुल – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

New Project 100

विनया शादी करके ससुराल जो गई फिर मायके की तरफ़ मुड़कर नहीं देखा था । माता-पिता सोचते थे कि बिटिया वहाँ इतनी खुश है कि उसे मायके की याद ही नहीं आ रही है । चलो अच्छा है उसे ऐसा अच्छा ससुराल मिला है । विनया मायके आई नहीं थी परंतु फोन पर बातें अक्सर … Read more

आशियाना – बालेश्वर गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

New Project 44

  जानती हो गुड़िया की माँ,हमारी गुड़िया सचमुच में लक्ष्मी है,इसका घर मे आना हुआ उधर मालिक ने बहुत कम कीमत पर वो छोटा सा प्लाट दे दिया।अब हम धीरे धीरे अपना घर बना लेंगे।हमारी गुड़िया बहुत भागवान है,री।      अरे ये तो बहुत ही अच्छा हो गया।अब हमारा भी घर हो जायेगा।कब से अपने घर का … Read more

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