जीवन का सवेरा (भाग -7 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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“जल्दी से फ्रेश हो लो। मैं खाना लगाती हूँ। खुद भी भूखे रहो और सबको भूखा रखो।” बोल क़र बड़बड़ाती हुईं राधा किचन की ओर बढ़ गई। “और सब लोग सो गए हैं। सबने खाना खा लिया था ना।” आरुणि अपनी सहेलियों के साथ अंदर आती हुई पूछती है। “हाँ सबने खाना तो खा लिया … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -6) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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“मोहतरमा तभी इतनी इठलाती किचन के अन्दर गई थी”, रोहित कैफ़े के बाहर जाकर बोर्ड देखकर अंदर आता है और जोर से हँसते हुआ बोलता है, “आरुणि कैफे बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है। मैंने कभी देखा ही नहीं, मेरे जैसे लोग आँख होते हुए भी अंधे होते हैं।” “और दिमाग होते हुए भी कमअक्ल”… … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 5) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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आरुणि रोहित को भावनाओं में गुम हुआ देख़ टेबल थपथपाते हुए “नोक नोक” बोल रोहित को ख्यालों की दुनिया से बाहर लाती है, “रोहित कहाँ खो गए थे, मैंने कुछ पूछा है तुमसे”… आरुणि ने चिंता और परेशानी के भाव से उससे पूछा। वह रोहित की परेशानी जानने के लिए उत्सुक थी, जबकि रोहित की … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जब तक चाय आती है, अपने बारे में बताओ रोहित। दोस्त के बारे में कुछ तो मालूम होना ही चाहिए।” रोहित के फिर से बैठते ही आरुणि कहती है। “करेक्ट.. फिर हम सब भी चाय के साथ अपना अपना परिचय देंगी।” तृप्ति आरुणि के कथन पर स्वीकृति की मुहर लगाती हुई कहती है। रोहित सबको … Read more

मायका..अपना या पराया – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 84

ट्रेन अपनी रफ्तार में तेजी से भागे जा रही थी,नीलू एकटक खिड़की में मौन साधे गुमसुम सी अपनी दुनिया मे मग्न थी। पुरानी बातें जेहन में बार बार घूम रही थी। माँ हमेशा कहती थीं-“ऐसे मत करो, वैसे मत रहो, ऐसे पहनो,वैसे न पहनो। तरीके से रहना चाहिए, क्योंकि बेटियों को पराये घर जाना है, … Read more

क्या करूं, इज़हार करने में थोड़ा कच्चा हूॅ॑!- -प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“आज तुम परेशान लग रही हो, सुधा! थकान भी झलक रही है तुम्हारे चेहरे पर। तबीयत तो ठीक है ना तुम्हारी?” राकेश के मुंह से सुनकर भी सुधा को कोई फर्क नहीं पड़ा वो तो अपने में खोई कुछ हिसाब किताब कर रही थी वहीं कुछ जोड़- गुणा करते हुए बोली,” सुनिए, इस महीने से … Read more

दिल का रिश्ता तो किसी से भी जुड़ सकता है – : Moral Stories in Hindi

New Project 80

भाभी कल मुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं अच्छा संजना चहक उठी ।ये तो बड़ी अच्छी बात है,ये बता तूने कुछ तैयारी वैयारी की है कि नहीं कैसी तैयारी भाभी अर्चना बोली ।अरे थोड़ा पार्लर वारलर चली जा शक्ल सूरत ठीक करा लें ,और हां क्या पहन रही है । मम्मी कह रही है … Read more

पूर्णिमा का चाँद – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

New Project 72

आज अरुंधति बहुत खुश थी उसका देवर नीलेश जिसे उसने सास ससुर की असमय मृत्यु के बाद बच्चे की तरह पाला था। उसने अपने भावी जीवन के लिए एक लड़की प्रिया को पसंद किया था। अब वो उसे लेकर अरुंधति और उसके पति राघव से मिलाने ला रहा था। सुबह से ही अरुंधति बहुत चाव … Read more

टीवी रिश्तों को जोड़ने का जरिया – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 2

आज जब राखी टीवी पर रामायण देख रही  थी तो सहसा अपने बचपन  में चली गई   जब सब मोहल्ले वाले  साथ  में शटर वाली टीवी पर रामायण, महाभारत, रंगोली, चित्रहार और फिल्में देखते तो त्यौहार जैसा माहौल हो जाता था। जब  सब मिलकर हंसते, बोलते,खाते ,पीते हुए टीवी का आनंद लेते थे बहुत मजा आता … Read more

दिल से दिल तक-पुष्पा जोशी Moral stories in hindi

New Project 65 1

सुशीला माई घर का काम करके जा चुकी थी। माधवी ने अपने ऑंसू बड़ी मुश्किल से रोक रखे थे, वह जानती थी कि अगर सुशीला माई ने उसकी ऑंखों में ऑंसू  देखे तो उन्हें बहुत दु:ख होगा। वह सुशीला माई को दु:खी करना नहीं चाहती थी। दूसरी बात यह कि वह सुशीला माई के आगे, … Read more

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