टूटे रिश्ते जुड़ने लगे – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 59

अजी बताइए ना, आपके कौन-कौन से कपड़े रखूं? सुधा जी अपने पति सोमेश जी से बोली। उनकी खुशी उनकी आवाज में झलक रही थी। कोई से भी रख लो, क्या फर्क पड़ता है। मैं तो तुम्हारा मन रखने के लिए वहाँ जा रहा हूँ। वर्ना ऐसा नहीं है कि मैंने पीयूष को माफ कर दिया … Read more

चिंगारी – भगवती : Moral Stories in Hindi

New Project 58

रधिया जिन घरों में झाड़ू पोंछा, बर्तन धोने का काम करती थी आज उन घरों में से किसी एक घर के राजा बेटे का जन्मदिन था तो तीन कामवालों का कार्य रधिया से करवा कर मालकिन ने उसे घर वापिस जाते हुए सूखी पूरियां, बिना पनीर की रसे वाली सब्जी, समोसे और गुलाब जामुन के … Read more

“रिश्ते तोड़ना आसान है जोड़ना मुश्किल” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 57

 तनु बेटा.. यह सब क्या है तू आए दिन अपने ससुराल से यहां चली आती है  छोटी-मोटी लड़ाई झगड़े तो हर घर में चलते हैं तेरे घर में तो लड़ाई झगड़ा भी नहीं होता फिर तू क्यों चली जाती है? पापा… आप नहीं जानते मेरे ससुराल वालों को… मुझे उनके संग रहना बिलकुल भी पसंद … Read more

“टूटते रिश्ते जुड़ने लगे” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 63

अपने किसी परिचित के शादी समारोह खत्म होने पर निधि वापस सहारनपुर से गाजियाबाद जा रही थी। थोड़ी देर बाद उसी बस में शिवम को चढ़ते देखकर निधि ठगी सी रह गई कहीं मैं सपना तो नहीं देख रही शिवम यहां कैसे ।एक बारगी उसका मन हुआ वह दौड़कर शिवम के पास चली जाए और … Read more

“घर वापसी ” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

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” पिताजी…..!” आपने छोटे चाचा को शादी में नहीं बुलाया! कहीं भूल तो नहीं गये! शादी के लिस्ट में सबका नाम है सिर्फ उन्हीं का नहीं है….? पिताजी की तीखी आवाज आई ….”.हाँ नहीं…. बुलाया….. और उसे भूला भी नहीं!”   “अब जाओ जो काम  दिया गया है संभालो समझ गये न! काम  बहुत पड़ा है … Read more

टूटते रिश्ते फिर से जुड़ने लगे – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

New Project 65 1

वंशिका अपने माता-पिता और भाई के साथ गाड़ी से उतरी ही थी तभी सामने दूसरी गाड़ी से अपने परिवार के साथ वैभव उतरता हुआ दिखाई दिया अचानक दोनों की दृष्टि आपस में जा टकराई दोनों के चेहरों पर अनकही पीड़ा की लकीरें उभर आई। वंशिका ने देखा कि वैभव काफी दुबला हो गया है।              वंशिका … Read more

* पति पत्नी का रिश्ता कोई खेल नहीं है* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 66

आशा ने कहॉ – ‘आ बेटा शुभि’….. फिर दरवाजे की ओर देखते हुए बोली- ‘यह क्या अकेली आई है, जमाई बाबू नहीं आए? आज तो रविवार की छुट्टी है, आ जाते तो अच्छा रहता।’ शुभी ने कुछ तमक कर कहॉ- ‘यह क्या हर पल जमाई बाबू…जमाई बाबू की रट लगाए रहती हो, तुम्हें मेरे आने … Read more

वो अनाम रिश्ता – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

New Project 67 1

 मुझे नये कार्यालय में आये दो महीने ही हुये, ऑफिस के पास ही घर ले लिया….,  ऑफिस जाते हुये अक्सर एक उदास मासूम चेहरा मुझे दिख जाता, जाने उन आँखों में क्या कशिश थी जो निगाहें बरबस बगल के घर की ओर उठ जाती थी..,खिड़की के जंगले को पकड़े वो उदास ऑंखें, होठों पर ख़ामोशी … Read more

रिश्तों के जुड़ाव के लिए स्पष्ट संवाद जरूरी है… – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 69

  शाम को ऑफिस के बाद अमन जैसे ही घर पहुंचा तो रागिनी को किचन में न पाकर, ‘कहाँ हो भई ? मेरा नींबू पानी नहीं बनाया आज ?’ कहते हुए तीव्र गति से ड्राइंग रूम की ओर मुड़ गया। रागिनी को वहाँ भी न पाकर वह तुरंत अपने बैड रूम में पहुंचा। दरअसल गर्मियों में … Read more

माता पिता की जिद – आराधना सेन : Moral Stories in Hindi

New Project 2

माँ माँ आपसे एक बात करनी थी सुनील थोडी जल्दी मे था ऋषी के स्कूल से आया था।”क्या हुआ इतनी हडबडी मे क्यूं हो आँचल से गीले हाथो को पोछती हूइ” माँ बोली।मा अब मुझे रुपा और ऋषी को अपने साथ शहर ले जाना होगा ऋषी का रिजल्ट बहुत अच्छा आया हैं उसे अच्छे स्कुल … Read more

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