रंग बदलती ज़िंदगी – स्नेह ज्योति: Moral Stories in Hindi

New Project 59

रूपा और पलक दोनों अच्छी दोस्त थी । जो भी कुछ करती एक दूसरे को बता के करती थी । कॉलेज में रूपा को एक लड़का पसंद था और पलक को भी इस बारे में सब पता था । लेकिन वो हमेशा रूपा को कहती थी , कि ऐसे रोज़ रोज़ मिलना ठीक नहीं है … Read more

पिछले जनम का नाता –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 94

” आरती…तुझसे कितनी बार कहा है कि मेरे कमरे न आया करो…जब देखो..लंगड़ाती हुई चली आती है..।” आकाश ज़ोर-से चीखा तो आरती सहम गई। “भ..ई..या…वो…मैं..” वो हकलाने लगी, तभी बेटे की आवाज़ सुनकर सुनंदा बेटे के कमरे में आई।     ” क्या बात है आकाश…तू आरती पर क्यों चिल्ला रहा है?”     ” माँ…मैंने इससे कितनी बार … Read more

ममता- कामनी गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 46

ममता आज फिर मायके चली गई थी। थोड़े दिन ही ससुराल रहने के बाद जाने क्या हो जाता था? ममता बेटे को लेकर रूठ कर किसी न किसी बात पर झगड़ा कर लेती और तलाक की धमकी देकर चली जाती।  पति रोहन और सास ससुर भी अब परेशान हो गए थे।  बार – बार समझा … Read more

शेरनी बिटिया – वीणा सिंह  : Moral Stories in Hindi

New Project 96

शुभी बेटा दरवाजा खोलो.. क्या बात है मुझे चिंता हो रही है. शुभी धड़ाम से दरवाजा खोल बाहर आई..गोरा चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ लाल लग रहा था.. पापा सूरज के गले से लिपटी शुभी बोलने लगी जिस इंसान ने मेरी मां के मरने पर मुझे हॉस्पिटल में लावारिस छोड़ दिया ये कहकर किसी जरूरतमंद … Read more

गलती किसकी ?- अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

New Project 95

जून की चिलचिलाती धूप में सुधा अभी घर के बाहर पहुँची ही थी कि उसे घर के अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दीं l उसकी जेठानी और पड़ोसन बैठी उसी की बातें कर रही थीं l उसकी जेठानी कह रही थी, “अरे बहन क्या बताऊँ, नई देवरानी तो कुछ काम ही नहीं करती है l  … Read more

तीसरा मोड़ – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 40

     बंद कमरे में दिनेश जी दहाड़ मार कर रो पड़े।भगवान से शिकायत करते करते बुदबुदा रहे थे,आखिर हमने क्या पाप किये हैं, जिनकी सजा मेरे बेटो को मिल रही है।रोते रोते पता नही कब दिनेश जी की आंख लग गयी।         अच्छे भले कारोबार के स्वामी दिनेश जी के पास सब कुछ था, धन,घर,कार, सम्मान,लोकप्रियता।पर कारोबार … Read more

डिग्री – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 37

सुनिए जी…. रीता ने इस साल अपना बीए कंप्लीट कर लिया है तो मैं सोच रही हूं कि अब यह b.ed. और कर ले जिससे इसके पास एक अच्छी डिग्री हो जाए, समय का क्या पता जी कब किस मोड़ पर ले आए। भगवान ना करें कभी इसकी कोई मजबूरी या स्थिति ऐसी आ जाए … Read more

“जाने कब ज़िंदगी में कौन सा मोड़ आ जाए ये कोई नहीं जानता” – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 38

पूरब पढ़ा लिखा होनहार लड़का था। पिता की मृत्यु के बाद माँ ने ही पाल पोसकर बड़ा किया था । आज अपने दम पर उसने सरकारी नौकरी पाई थी । नौकरी करते हुए दो साल हो गए थे।  उसकी माँ उसके पीछे पड़ गई थी कि नौकरी करते हुए तुझे दो साल हो गए हैं … Read more

अपने पराये – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 36

“जाने कब ज़िन्दगी में कौन सा मोड़ आ जाये ये कोई नहीं जानता…. ये जिन्दगी भी ना बड़ी अजीब है जाने कब क्या खेल दिखा जाती है….कभी किसी को हँसाती है तो कभी ये रूलाती ।”सोचती हुई वृन्दा जी सब्जी का थैला लिए अपने घर में कदम रखी….चेहरे पर थोड़े दुःख और थोड़े संतोष के … Read more

नेक दिल इंसान – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 68

गाँव में एक नवयुवक रहता था। विन्दास मस्त मौला, बहुत ही सीधा साधा ,भोला सा नाम था हरिया। पढाई लिखाई में मन नहीं लगा तो दसवीं कर के छोड़ दी। कोई काम मिल जाता तो कर लेता, नहीं तो वह ऐसे हो घूमते-फिरते जिसको जरूरत होती उसकी मदद कर देता। मसलन किसी की गाय घुम … Read more

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