अंतिम पड़ाव.. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

New Project 66

खाना शुरू करते ही वर्मा जी ने पत्नी यशोदा से कहा…. क्या बात है आज दाल में नमक डालना भूल गई क्या.. सब्जी भी फीकी लग रही आज तो… क्या कह रहे हैं.. डाली तो थी स्वादानुसार नमक दाल में.. हाँ सब्जी में मिर्ची कम डाली है.. डाक्टर ने मना किया है आपको.. लेकिन आप … Read more

क़ीमत धोखे की – श्रद्धा खरे : Moral Stories in Hindi

New Project 43

मंजरी शहर नामी-गिरामी डॉ वेदप्रकाश शर्मा की बेटी थी डॉक्टर शर्मा से बड़े नाजो से पाला था । जिस चीज पर हाथ रख देती है उसकी हो जाती थी।  उम्र के सोलहवें बरस में कदम रखते ही अपने पापा के साथ काम करने वाले असिस्टेंट डा श्याम से प्यार हो गया। लेकिन मंजरी का यह … Read more

पागल अम्मा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

New Project 41

अरे रे ये क्या कर रही हैं आप…?  पागल हो गई है क्या…? चुपचाप एक जगह पर बैठती क्यों नहीं ….कस के चींटी काटने वाले अंदाज में बाँह पकड़ कर पूजा के कमरे से खींचती हुई बिस्तर पर लाकर पटक दिया बहू हेमा ने…!  अब बिल्कुल यहां से नही हिलेंगी … जब तक मैं ना … Read more

“कीमत” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 45

खुशी देहरादून अपनी बचपन की दोस्त शालिनी के बेटे की बर्थडे पार्टी मेंआई हुई थी सारा इंतजाम एक होटल में किया गया था वह, दिन भर की थकान से थोड़ा सा थक गई थी इसीलिए वह थोड़ी देर के लिए अपने कमरे में आराम करने के लिए आ गई उसका सर दर्द से फटा जा … Read more

ममता की कीमत – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 46

 क्या कहा आपने!…मैं अपनी छुटकी को आपकी भाभी की गोद में डाल दूँ।किसी भी कीमत पर नहीं..कैसे भूल जाऊँ कि उन्होंने मेरी बच्चियों को कितना भला-बुरा कहा है।आपकी भाभी को तो मेरी बेटियाँ चुभती थी ना…फिर आज…।आप लोगों के स्वार्थ को मैं खूब समझती हूँ।” अंजू अपने पति अशोक पर लगभग चीखते हुए बोली तो … Read more

अब मुझे अपने बेटे बहू की कीमत पता चली है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 98

मम्मी आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, और हमारी तरफ से ये प्यारा सा उपहार, रोली ने आपके लिए अपने हाथों से जन्मदिन का केक बनाया है, जतिन ने अपनी मम्मी रंजना जी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। केक देखकर रंजना जी के चेहरे पर कोई भाव नहीं आया, उन्होंने उड़ती नजरों से केक को देखा … Read more

हरे कांच की चूड़ियां! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

घर में मेहमानों की रेलमपेल मची थी। बाहर वाले कमरे में भीतर बरामदे से लेकर छत तक… सब जगह सुनीति अपनी ननद के घर उनकी पच्चीसवीं मैरिज एनिवर्सरी के अवसर पर आई थी… अपनी पति ,बच्चों और सासू मां सरला जी के साथ यूं तो ( सासू) मां साथ चलने को तैयार नहीं थी.. अभी … Read more

पति पत्नी का रिश्ता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 35

सुंदरलाल जी अपने कमरे मे गुमसुम से बैठे एक तस्वीर को निहार रहे थे वो तस्वीर उसकी थी जो कुछ दिनों पहले तक जीती जागती सुंदरलाल जी के साथ थी पर आज तस्वीर हो गई थी । वो तस्वीर थी सुंदरलाल जी की अर्धांगिनी सरला जी की जो अभी पंद्रह दिन पहले उनके साथ अड़तालिस … Read more

एक टुकड़ा रोटी – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

New Project 63

अखिल और राजेश आज अपने बेस्ट फ्रेंड विवेक की शादी में आए हुए थे। उसकी सगाई में भी दोनों ने बहुत इंजॉय किया था और खूब डांस किया था।  वे लोग शादी में भी सुबह तक रुकना चाहते थे लेकिन अगले दिन सुबह अखिल की ऑफिस में एक अर्जेंट मीटिंग थी, पहुंचना जरूरी था। इसीलिए … Read more

विछोह – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

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दो बरस पहले ऐसे ही माँ चली गई थीं आँखों में आँसू भर के, मन में एक टीस लिए.  शुभि  कितना रोई थी तब ना, शुभि तो उतना अपनी विदाई पर भी नहीं रोई थी जितना उस दिन रोई थी.  यह रोने और उदासी का सिलसिला तो उसी दिन से शुरू हो गया था जिस … Read more

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