कलंक – अनिल कुमार. : Moral Stories in Hindi
“सोहमजी…मम्मीजी…..बचाईए….” ममता की दर्दभरी पुकार सुनकर सोहम और वृंदाजी,दोनो आवाज की दिशा मे भागे। आवाज वृंदाजी के कमरेसे आ रही थी। दोनो जब दरवाजेके नजदीक आए तब उन्हे महसुस हुआ की दरवाजा अंदर से बंद है। सोहम बिना समय गवाये दरवाजेको धक्का देने लगा। ममता की आवाज सुनकर आसपडोस वाले भी जमा हो गये। कुछ … Read more