तोल-मोल – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi
रेखा जी अपनी बेटी शमा के साथ बैठ एक-एक उपहार खोलकर तोल-मोल कर रही थी। नव विवाहिता बेटा बहू घुमने गये थे। शमा भी हर उपहार पर अपनी टिप्पणी दे रही थी। “मम्मी, देखो ये पुराने जमाने का पर्स। कलर भी कितना फीका-फीका है। लगता है, चार सौ, पांच सौ से ज्यादा नहीं होगा।” ” … Read more