उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है। – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
कुसुम जी के तेवर में आज सख्ती थी।बहू रीत की मां ने सबके लिए कुछ उपहार स्वरूप कपड़े, मिठाइयां और लिफाफे भेजे थे क्योंकि रीत की पहली दीपावली थी। रीत ” तुम्हारी मां को हमारी हैसियत का बिल्कुल अंदाजा नहीं है। ऐसे कपड़े हमलोग नहीं पहनते हैं, अगर देना है तो ढंग की चीजें भेजा … Read more