चनाचूर गरम – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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  अंकुर …. अंकुर ….मेला लग गया….? मालूम , नवरात्रि आते ही मुझे मेला घूमने की उत्सुकता बढ़ जाती है… अपन चलेंगे ना….तुम भी ना , बच्चों के समान करती हो आकृति …..आजकल के जमाने में मेला देखने कौन जाता है ….अरे वो तो आसपास के गांव वालों के लिए होता है भाई…!     ठीक है …? … Read more

आखिरी फैसला – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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“पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता ही परमं तप: ……” पंडित जी राजेश से पूजा अर्चना करवा रहे हैं। वह भी पूर्ण निष्ठा और विधि-विधान से पूजा में तल्लीन है। पंडित जी के निर्देशों का अक्षरशः पालन कर रहा है। कहीं कोई कमी न रह जाए, इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है। आज उसके … Read more

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